किसी के अन्दर कमी निकालने से पहले खुद के अन्दर झांकना चाहिए।

श्री अक्षय भट्ट
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P - 310
DATE - 03 NOV 23

किसी के अन्दर कमी निकालने से पहले

खुद के अन्दर झांकना चाहिए।





आजकल कि दूनिया बड़ी अजीबोगरीब पहेलियों से घिरी हुई है। किसी को अपनी गलती स्वीकार नहीं है, सबको सिर्फ दूसरों कि गलती ही दिखाई देती है। हम किसी के बातें सुनने से पहले उसको जवाब देने के लिए तैयार रहते है, हम ऐसा नहीं सोचते है, कि अगर किसी अन्य द्वारा बतायी गई चीजे सही रहती है, तो वो हमारे जिदंगी में क्या बदलाव ला सकता है। जिंदगी में बदलाव बहुत जरूरी है, उससे जीने कि रूचि प्राप्त होती है। 


चाहे रिश्ता कोई भी हो, उसमें संबंध गहरा तभी होता है, जब हम उसमें एक दूसरे को समझने का मिठास लेकर आते है, एक दूसरे कि बातें समझना, एक दूसरे को यह एहसास करवाना है, कि एक दूसरे से जुडें हुए है। कभी भी यह मत भुलिए कि आपका थोड़ा वक्त मिलना किसी के चेहरे पर मुस्कुराहट भी ला सकती है।


अगर कोई इंसान आपकी गलतियां गिना रहा है, तो उसे ध्यान से सुनिए, आत्म मंथन किजीए क्युंकि जरूर ही आपकी कोई बात उसे तकलिफ दे चुका है, अन्यथा उसे इस प्रकार आपसे शिकायत करने का क्या जरूरत था, खुद के अन्दर झांकिए पूछिए अपने आप से कि क्या मैं सच में गलत हू, अगर आपका दिल कहें कि आप गलत है, तो आपको सुधार कि आवश्यकता है, और आपको उस इंसान कि पूरी बात सुनना चाहिए। यदि आपको लगे कि वो इंसान बेवजह कह रहा है, तो उसका विरोध करना गलत नहीं है। लेकिन बिना सुने सोचे और समझे जवाब तैयार रखना सहींं नही है।


उपरोक्त कथन हमें यही कहने का प्रयास कर रहा है, कि हमें बिना आत्ममंथन किये कोई भी आरोप प्रत्यारोप नहीं करना चाहिए, इससे हम उस तर्क में तो जरूर जीत जाएंगे लेकिन हमारे जीवन का वो बदलाव जो कि बेहद जरूरी था, वह नहीं हो पाएगा।


एक सुंदर गुण और चरित्र वाला व्यक्ति हमेशा विनम्र होता है, उसका गुण हमेशा सद्गुण और जीवन गति हमेशा सद् गति वाली होती है।

 

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