विद्युतीय बल रेखाएं एक दुसरे को काटती नहीं है, इस कथन कि व्याख्या करें? विद्युत बल रेखाएं एक दूसरे को क्या नहीं काट सकती है? चुम्बकीय बल रेखाएं एक दूसरे को क्यों नहीं काटती है? क्यों दो विद्युत क्षेत्र रेखाएं एक दूसरे को पार नहीं कर सकती? विद्युत बल रेखाओं से आप क्या समझते हैं?

श्री अक्षय भट्ट
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P - 365
DATE - 17 DEC 23

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विद्युतीय बल रेखाएं(Electro Line of Forces) क्या है?


वि(caps)द्युतीय बल रेखाओं को समझने के लिए सबसे पहले विद्युतीय क्षेत्र के बारे में समझना होगा, तो आइए सबसे पहले यह जानने का प्रयत्न करते है, कि विद्युतीय क्षेत्र क्या है। 



विद्युतीय क्षेत्र - 

वह क्षेत्र जहां किसी एकांक धनावेश को ले जाने पर वह धन आवेश आकर्षण अथवा विकर्षण बल का अनुभल करें तो वह क्षेत्र विद्युतीय क्षेत्र कहलाता है, इसकी व्याख्या सर्वप्रथम माइकल फैराडे महोदय ने किया था। विद्युतीय क्षेत्र को विद्युतीय बल रेखाओं कि सहायता से दर्शाया जाता है। 

विद्युतीय तीव्रता - 

यदि कोई एकांक धनावेश किसी विद्युतीय क्षेत्र में रखा गया है, तो वह एक प्रकार का आकर्षण या विकर्षण बल का अनुभव करता है, उसका बल को विद्युती तीव्रता कहा जाता है। इसे E के द्वारा दर्शाया जाता है। यह एक सदिश राशि है। इसका मात्रक न्युटन प्रति कुलब होता है, तथा इसका विमा MLT-3I-1 होता है। इसका व्यंजक इस प्रकार प्राप्त किया जा सकता है- 

E = F/Q

or, F = EQ -----------------(1)

अब हम पांइट पर बात करेंगे, लेकिन यह भी समझाना जरूरी था नहीं, तो आप अच्छे समझ नहीं पाते। आइए अब विद्युतीय बल रेखाओं पर चर्चा करें।

विद्युतीय बल रेखाएं(Electro Line of Forces):-

यह एक प्रकार कि काल्पनिक रेखाएं होती है, जिसके किसी भी बिंदु पर स्पर्श रेखा खिचने पर वहां उस बिंदु पर विद्युतीय क्षेत्र कि तीव्रता का मान देता है। इसकी सहायता से विद्युतीय क्षेत्र को दर्शाया जाता है। 

विद्युतीय बल रेखाएं के गुण :-

विद्युतीय बल रेखाओं के गुण इस प्रकार है -

1.    यह बल रेखाएं धन आवेश से शुरू होती है, और ऋण आवेश पर समाप्त हो जाती है, यह बंद लूप का निर्माण नहीं करती है। चालक के अंदर ये रेखाएं नहीं गुजरती है। अत: चालक के अंदर विद्युतीय क्षेत्र कि तीव्रता का मान शुन्य होता है। 

2.    यह बल रेखाएं धनात्मक आवेश के लिए बाहर कि तरह होती है, अर्थात् यह धनात्मक आवेश से ही हमेशा निकलती है , और यह ऋण आवेश में अंदर कि तरफ होती है, अर्थात् यह ऋण आवेश में ही हमेशा प्रवेश करती है। लेकिन यह सब चालक के बाहरी तरफ से होता है, जिसे एक आवरण बन जाता है, इस आवरण को ही विद्युतीय क्षेत्र कहा जाता है। 

3.    विद्युतीय बल रेखाओं कि घनता विद्युतीय क्षेत्र कि तीव्रता के मान को निर्धारित करता है, अर्थात् जहां विद्युतीय बल रेखाएं घनी होती है, वहां विद्युतीय क्षेत्र कि तीव्रता का मान अधिक होता है, और जहां विद्युतीय बल रेखाएं कम घनी होती है, वहां विद्युतीय क्षेत्र कि तीव्रता का मान कम होता है। 

4.    विद्युतीय बल रेखाएं धन आवेश से ऋण आवेश में गुजरने के दौरान कभी भी एक दुसरे को काटती नहीं है,  इस बात को समझने के लिए पहले यह समझते है, कि यदि यह बल रेखाएं आपस में काटेगी तो क्या होगा, फिर आप इसे बेहतर समझ सकते है।  जब दो विद्युतीय बल रेखाएं एक दुसरे पर काट देगी, तब वहां विद्युतीय क्षेत्र कि तीव्रता का दो मान मिलेगा, जो बिल्कुल असंभव है, क्युकि किसी संदिश के लिए दो मान का होना संभव नहीं है। 

5.    विद्युतीय बल रेखाएं हमेशा चालक के तल के लंबवत् होकर गुजरती है। 

6.    विद्युतीय बल रेखाएं अनंत पर समाप्त हो जाती है, क्युकि अनंत पर विद्युत विभव का मान हमेशा शुन्य होता है। 

7.    यह बल रेखाएं बंद लूप का निर्माण नहीं करती है। 

8.    समरूप विद्युतीय क्षेत्र मे विद्युतीय बल रेखाए हमेशा समान परिमाण और दिशा में एक दुसरे के समातंर होकर बराबर दुरी से गुजरती है।

9.    विद्युतीय बल रेखाओं कि माप विद्युत आवेश के परिमाण के द्वारा निर्धारित किया जाता है। गणितीय रूप में इसे इस प्रकार प्रदर्शित किया जा सकता है। 

N1/N2 = Q1/Q2




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