जीवन में अचानक कुछ भी हो सकता है, आइए इसकी चर्चा करते है।

श्री अक्षय भट्ट
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P - 364
DATE - 17 DEC 23




जीवन में सबकुछ ही भौतिक है।




कुछ दिन से दिल में दर्द मेहसुस कर रहा हूं, पता नहीं ईश्वर क्या चाहता है, पर इतना पता है, एक दिन बुलावा जरूर आने वाला है। आज सुबह जगा तो एक करवट ले ली, बस इतना ही था कि अचानक से दिल में दर्द मेहसुस हुआ, जो काफी दर्दनाक था। पल भर में नजरों के सामने सारा का सारा जीवन जो मैने अपने 29 साल के उम्र में देखा वह सब सामने से गुजर गया, और हर जगह मैने यह पाया कि मैने कितनी सारी ही गलतियां कि है, जिसका मेरे पास पता नहीं कितना समय था कि मैं उसका सुधार कर सकुं लेकिन जवानी के जोश में मैने उस सब को अनदेखा कर दिया है।


आज घटी इस घटना ने इस बात का एहसास करवा दिया है, कि जीवन ही भ्रम है, यहां मिलने वाला सबकुछ जैसे कि रिश्ते नाते, प्यार यह सब एक ढकोसला के सिवाय औऱ कुछ भी नहीं है। पूरा उम्र स्वार्थी और खुदगर्ज बनकर जीते रहों, और सिर्फ इसलिए कि अपने खुश रहें, जब अंतिम समय में साथ छोड़ देते है, दूर हटते मेहसुस होते है, तो पत्ता चलता है, कि यह तो एक भ्रम था। जब किसी कि मृत्यु होती है, तो उसके जितना जल्दी हो सके घर से निकाल कर जला दिया जाता है, उसको छुने वाले खुद को अशुद्ध मेहसुस करते है। सभी लोग इस भ्रम में उस मृतक से दूर भागते है, जैसी कि उनके साथ यह दिन नहीं आने वाली है। जिस बेटा को इतना प्यार और लाड़ से पास पोष कर बड़ा किया होता है, वही बेटा मरने के बाद जलाते समय मुहं में आग देता है। यह रिती है, मगर कित्तना विंडबना मेहसुस हो रहा है। मगर अफसोस यही सच है, जिसे पुरा संसार भाग रहा है, दुर रहने का प्रयास कर रहा है, लेकिन उसे यह मालुम नहीं होता कि वह दूर नहीं ब्लकि उसके और करीब होते जा रहा है। और जब तक यह समझ आती है, जीवन समाप्त हो चुका होता है।


जब मुझे लगा कि अब मेरे पास समय नहीं है,तो मैं बहुत ज्यादा डर सा गया, मैं डॉक्टर से मिलने गया है, और फिर मेरे काफि टेस्ट हुए जैसे लिपिड प्रोफाइल टेस्ट, ईसीजी आदि। बाद में डॉक्टर के द्वारा कुछ दवां दी गई और अब मुझे थोड़ा सा अराम मेहसुस हो रहा है। लेकिन सच कहूं तो लगा था कि आखिरी वक्त आ गया है। इस घटना के बाद भौतिक सुख से कोई लगाव नहीं बचा है, मां बाप को छोड़कर और किसी रिश्ते पर ऐतबार नहीं रहा। जितना समय बचा है, अब अकेले ही रहने को सोच रहा हूंं।



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