विद्युत धारा का उष्मीय प्रभाव(Heating effect of Electric Current) क्या है, कारण बताएं? इसका व्यंजक प्राप्त करें तथा जुल के नियम के बारे में बताएं?

श्री अक्षय भट्ट
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P - 243
Date - 20 Jul 23

विद्युत का उष्मीय प्रभाव-




जब किसी चालक तार से विद्युत धारा प्रवाहित कि जाती है, तो उस तार का प्रतिरोध उससे प्रवाहित होने वाले धारा का विरोध करता है, जिसे पार करने में विद्युत ऊर्जा का कुछ भाग ऊष्मीय ऊर्जा में बदल जाता है, जिसे चालक तार गर्म हो जाता है। इसको सर्वप्रथम जुल महोदय ने प्रतिपादित किया। इन्होने इसका व्यंजक प्राप्त किया और जुल का नियम प्रतिपदित किया गया। जिसे इस प्रकार से वर्णित किया जा सकता है-

व्यंजक

एक चालक तार AB लिया जाता है, और उसमें I विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है। चालक का प्रतिरोध R है, तथा दोनो सिरों के बिच का विभवातंर V है। 

हम जानते है, कि 

V = W/Q

W = VQ  ---------------------(1)

I = Q/T-----------------------(2)

V = IR -----------------------(3)

From (1), (2) & (3)

W = I2RT-----------------------(4)

इस अवस्था में संपादित कार्य ही ऊष्मीय ऊर्जा के रूप में संचित रहता है, जुल ने अपने प्रयोगों के आधार पर यह दर्शाया कि-
W = JH

यहां J = ऊष्मा का यांत्रिक ऊर्जा

In SI Unit

J = 1

so, W = H -----------------------(5)


From Equation (4) & (5)

H = I2RT-----------------------(6)

समीकरण (6) ही जुल का नियम है, इस समीकरण के आधार पर तीन नियमों का प्रतिपादन किया जाता है। 

जुल का नियम -


1.    जब प्रतिरोध और समय का मान नियत हो।

     ∝ I2

2. जब विद्युत धारा और समय का मान नियत हो।

    H ∝ R

3.    जब विद्युत धारा और प्रतिरोध का मान नियत हो।

    H t

उपयोग

इस नियम के आधार पर विद्युत हीटर, विद्युत आयरन, गीजर, विकिरक, विद्युत बल्व, फ्युज आदि उपकरण का निर्माण किया जाता है। 




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