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DATE - 05 APR 2023
जब कोई उपयोक्ता अपने कंप्युटर में मौजुद ब्राउजर के जरिए इंटरनेट से जुड़ कर कोई डाटा को सर्च करता है, तो उसके कमांड को एक सर्वर से दुसरे सर्वर में जाने के वक्त सर्वर इजाजत पाने के लिए उसकी पहचान कि जांच करता है, जो आई पी एड्रेस के द्वारा संपादित होता है। अर्थात् जब हम एक देश से दुसरे देश में जाते है, तो हमें पासपोर्ट अथवा वीजा कि आवश्यकता होती है, उसी प्रकार इंटरनेट कि दुनिया में प्रवेश करने के लिए जिस पहचान पत्र कि आवश्यकता होती है, उसे आई पी एड्रेस के नाम से जाना जाता है।
यह एक संख्यात्मक लेबल है, जो कंप्यूटर नेटवर्क से जुड़े प्रत्येक डिवाइस को सौंपा गया है, जो संचार के लिए इंटरनेट प्रोटोकॉल का उपयोग करता है। यह एक 32 बिट संख्या है । इसका कार्य इस प्रकार से है-
1. मेजबान या नेटवर्क इंटरफेस कि पहचान करना।
2. पत्ते कि पहचान करना।
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