रसायनशास्त्र क्या है, और इसका महत्व क्या क्या है, रसायनशास्त्र का प्रयोग किन किन क्षेत्रों में हो रहा है। आनेवाला भविष्य रसायन शास्त्र पर निर्भर करता है, इस वाक्य कि व्याख्या करें?

श्री अक्षय भट्ट
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P - 362
DATE - 16 DEC 23




रसायन शास्त्र क्या है?


रसायन शास्त्र विज्ञान कि वह शाखा है, जिसके द्वारा पदार्थों के संरचना, गुण, संघटन तथा उनमें होने वाले परिवर्तनों का अध्ययन किया जाता है। रसायनशास्त्र के पिता बर्जेलियस को माना जाता है। बर्जेलियस महोदय के द्वारा सर्वप्रथम कार्बनिक यौगिकों का निर्माण का प्रयास प्रयोगशाला में किया गया था। बर्जेलियस ने कार्बनिक पदार्थों के निर्माण के काफि प्रयास किए मगर वो असफल रहे, फिर उन्होनें एक सिद्धांत का प्रतिपादन किया जिसे Vital Force Theory कहा जाता है। इस सिंद्धांत के अनुसार किसी भी कार्बनिक पदार्थ कि प्रयोगशाला में निर्माण नहीं किया जा सकता है, क्युंकि उनके निर्माण में कुछ दैविक बल कार्य करते है, जो प्रयोगशाला में मुमकिन नही। बर्जेलियस ने ऐसे बलों को जैविक बल कहा। बाद उनके शिष्य वोह्लर के द्वारा पहला कार्बनिक पदार्थ युरिया का निर्माण किया गया, जिसका अविष्कार एक दुर्घटनावश हुआ। जिसके बाद बर्जेलियस के Vital Force Theory का खंडन कर दिया गया। इसके बाद कई महत्वपूर्ण कार्बनिक पदार्थों का निर्माण प्रयोगशाला में हुआ।



रसायनशास्त्र का महत्व


रसायनशास्त्र का महत्व दिन प्रतिदिन बढता जा रहा है, हो रहे आधुनिक अविष्कार मानवता में काफि सुधार कर रही है, साथ ही साथ मानव के लालचपन और महत्वकांक्षी रवैये के कारण बहुत सारे विध्वसंक पदार्थों का अविष्कार भी हो चुका है, जो एक मानवता पर खतरे के समान प्रतीत होता है, जिसे देश अपनी सुरक्षा का नाम देकर ताकतवर होने के प्रतियोगिता में अव्वल आने कि चेष्टा कर रहे है। रसायनशास्त्र के कुछ महत्व एवं क्षेत्रों का वर्णन इस प्रकार है –

1. खाद्य पदार्थों के आपूर्ति करने में – 

हमारा देश पूररी तरह से कृष पर अधारित है, और अच्छी खेती हो उसके लिए उर्वरकों कि आवश्यकता होती है, और इसकी पूर्ती रसायनशास्त्र से ही होती है, खाद के रूप में प्रयोग होने वाले युरिया, कैल्शियम सुपर फॉस्फेट आदि का प्रयोग फसल कि उपज बढाने के लिए किया जाता है। ये सभी पदार्थ रसायन का ही देन है। इसके साथ ही फसलों को किटाणु, फंफुंदी, जंतु आदि से बचाने के लिए किटाणुनाशक, फफुंदनाशक तथा जंतुनाशक भी रसायनशास्त्र की ही देन है। यह सभी फसलों को सुऱक्षा प्रदान करते है, जिससे उपज में वृद्धि होती है।

2. स्वास्थ्य के क्षेत्र में – 

अंग्रेजी दवांइयां जिसे ऐलोफैथिक भी कहा जाता है, इन सभी का निर्माण रसायनशास्त्र के अविष्कार से ही संभव हुआ, जिसका प्रयोग हम सब औषधि के रूप में किया करते है। जैसे – सल्फा ड्रग्स, पेनिसिलन, टेट्रासाइक्लिन आदि का प्रयोग व्यापक रूप में किया जाता है।

3. जीवनउपयोगी समाग्रीयों के निर्माण में – 

हमारे जीवन में रोजमर्रा में प्रयोग होने वाले जैसे टुथपेस्ट, क्रिम, कागज, कपड़ा, सिमेंट, श्रृगार का समान आदि सब रसायन का ही देन है।

4. नाभिकिय ऊर्जा के क्षेत्र में – 

युरेनियम, थोरियम जैसे तत्वों से नाभिकिय ऊर्जा के उत्पादन में रसायनशास्त्र की अत्यंत ही महत्वपूर्ण भुमिका है, ऐसे असार है, कि भविष्य में आने वाले समयों में ऊर्जा कि प्राप्ति नाभिकिय ऊर्जा से कि जाएगी। अत: हमारा पूरा भविष्य रसायन पर निर्भर होने वाला है।

5. युद्ध के क्षेत्र में – 

यह कहते हुए काफि दुखद लग रहा है, कि जो शास्त्र हमारे लिए वरदान है, वही उसका दुसरा पक्ष हमारे लिए अभिशाप का काम करता है। हाइड्रोजन बम, परमाणु बम, डाइनामाइट, TNT, TNB फॉस्जीन गैस, जैसे सभी विनाशक पदार्थों का निर्माण रसायन का ही देन है। युद्ध में दुश्मनों को व्यापक नुकसान पहुचांने के लिए इन सब का व्यापक रूप से प्रयोग किया जा रहा है।



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